चाँदनी फैली गगन में, चाह मन में / हरिवंशराय बच्चन ...Harivansh Rai Bachchan समीर स्नेह-रागिनी सुना गया / हरिवंशराय बच्चन --...Harivansh...
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एक कहानी (१) कहानी है सृष्टि के प्रारम्भ की। पृथ्वी पर मनुष्य था, मनुष्य में हृदय था, हृदय में पूजा की भावना थी, पर देवता न थे। वह सूर्य ...
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इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा! यह चाँद उदित होकर नभ में कुछ ताप मिटाता जीवन का, लहरालहरा यह शाखाएँ कुछ शोक भुला...
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मिट्टी का तन,मस्ती का मन, क्षण भर जीवन-मेरा परिचय ! १. कल काल-रात्रि के अंधकार में थी मेरी सत्ता विलीन, इस मूर्तिमान जग में महान था...
चाँदनी फैली गगन में, चाह मन में / हरिवंशराय बच्चन --Harivansh Rai Bachchan
हिंदी
चाँदनी फैली गगन में, चाह मन में। दिवस में सबके लिए बस एक जग है रात में हर एक की दुनिया अलग है, कल्पना करने लगी अब राह मन में; चा...
February 26, 2017
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समीर स्नेह-रागिनी सुना गया / हरिवंशराय बच्चन --Harivansh Rai Bachchan
हिंदी
समीर स्नेह-रागिनी सुना गया, तड़ाग में उफान-सा उठा गया, तरंग में तरंग लीन हो गई; झुकी निशा, झँपी दिशा, झुके नयन! बयार सो गई अड...
February 26, 2017
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हरिवंश राय बच्चन की लोकप्रिय कविताएं -Harivansh Rai Bachchan's Popular Poetry / Kavitaen
चाँदनी फैली गगन में, चाह मन में / हरिवंशराय बच्चन ...Harivansh Rai Bachchan समीर स्नेह-रागिनी सुना गया / हरिवंशराय बच्चन --...Harivansh...