February 26, 2017
0
ठहरा-सा लगता है जीवन।

एक ही तरह से घटनाएँ
नयनों के आगे आतीं हैं,
एक ही तरह के भावों को
दिल के अंदर उपजातीं हैं,
एक ही तरह से आह उठा, आँसू बरसा,
हल्का हो जाया करता मन।
ठहरा सा लगता है जीवन।

एक ही तरह की तान कान
के अंदर गूँजा करती है,
एक ही तरह की पंक्ति पृष्ठ
के ऊपर नित्य उतरती है,
एक ही तरह के गीत बना, सूने में गा,
हल्का हो जाया करता मन।
ठहरा-सा लगता है जीवन।

0 comments:

Post a Comment

हरिवंश राय बच्चन की लोकप्रिय कविताएं -Harivansh Rai Bachchan's Popular Poetry / Kavitaen

चाँदनी फैली गगन में, चाह मन में / हरिवंशराय बच्चन ...Harivansh Rai Bachchan समीर स्‍नेह-रागिनी सुना गया / हरिवंशराय बच्चन --...Harivansh...